FEMA कानून के उल्लंघन पर China के सपोर्ट वाली कंपनी पर बड़ी कार्रवाई, ED ने वसूले 107 करोड़ रुपये
ED ने China के कंट्रोल वाली NBFC से फॉरेन एक्सचेंज लॉ के कथित उल्लंघन के आरोप में 107 करोड़ रुपये जब्त किए.
PC Financial Services पर ED मनी लॉन्ड्रिंग मामले की भी जांच कर रही है.
PC Financial Services पर ED मनी लॉन्ड्रिंग मामले की भी जांच कर रही है.
ED seizes funds of Chinese controlled loan app firm: प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने गुरुवार को बताया कि उसने फॉरेन एक्सचेंज लॉ के कथित उल्लंघन के आरोप में एक इंस्टेंट लोन देने वाले इंटरनेट बेस्ड एप से 107 करोड़ रुपये जब्त किए हैं. बताया जार रहा है कि यह एक चीन के कंट्रोल वाला NBFC है.
ईडी ने बताया कि पीसी फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (PC Financial Services Private Limited) एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है, जिसके पैसे कई बैंक अकाउंट्स और वर्चुअल अकाउंट्स में विभिन्न पेमेंट गेटवे के माध्यम से पड़े थे. इस फंड को फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत जब्त कर लिया गया है. जब्त की गई कुल राशि 106.93 करोड़ रुपये है.
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फिनटेक कंपनी थी ED के रडार पर
ED ने बताया कि यह मामला उनके रडार पर तब आया, जब वे कई एनबीएफसी और फिनटेक (Fintech) कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रहे थे, जो मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए तत्काल लोन देते हैं.
ED ने बताया कि ग्राहकों को यह लोन हाई इंटरेस्ट रेट पर दिया जा रहा था और उनके पर्सनल डेटा का गलत इस्तेमाल कर कॉल सेंटरों के माध्यम से उन्हें वसूली के लिए धमकाया भी जाता था.
लोगों का शोषण करती हैं ये कंपनियां
पिछले साल से इस तरह की रिपोर्ट कई राज्यों से आ रही थी. विशेष रूप से कोरोना महामारी (Corona Virus) को रोकने के लिए लॉकडाउन के बाद उत्पन्न आर्थिक संकट के बाद कई लोगों के इस तरह के एप के जाल में फंसने और इन कंपनियों की धमकी से तंग आकर अपनी जान देने के मामले सामने आए.
ताजा मामले में कैशबीन (cashbean) नाम के मोहाबल एप से ये NBFC इस तरह के लोन दे रही थी.
चीन के कंट्रोल में है PC Financial Services
ED ने बताया कि PC Financial Services मेक्सिको की कंपनी Oplay Digital Services की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी (WOS) है, जो कि हांगकांग की Tenspot Pesa Limited की WOS है, जिसका स्वामित्व आखिर में जाकर एक चीनी नागरिक झोउ याहुई (Zhou Yahui) के पास है.
मूल भारतीय कंपनी PC Financial Services को भारतीय नागरिकों द्वारा 1995 में बनाया गया था और 2002 में कंपनी को NBFC का लाइसेंस मिला था. RBI की मंजूरी मिलने के बाद 2018 में यह चीनी नियंत्रण वाली कंपनी बन गई.
कंपनी पर है मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला
ED ने बताया कि कंपनी पर FEMA के अलावा मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत भी जांच की जा रही है. कंपनी पर 429 करोड़ देश के बाहर ले जाने का आरोप है. इसके अलावा Cashbean App के लाइसेंस फीस की रकम 245 करोड़ दिखाई गई है. जबकि अनुमान के मुताबिक ऐसे एप को तैयार करने में 25-30 लाख रुपये से अधिक की लागत नहीं आती है. मार्केटिंग और दूसरे खर्चों के नाम पर भी कंपनी ने पैसे बाहर भेजे हैं.
जी बिजनेस की मुहिम का असर
गौरतलब है कि जी बिजनेस की मुहिम का यह बड़ा असर है. जी बिजनेस ने पिछले साल ऑपरेशन हफ्तावसूली (#Operationhaftavassoli) के नाम से एक मुहिम चलाई थी. जी बिजनेस ने ग्राहकों को प्रताड़ित करने वाली Digital Lending कम्पनियों के खिलाफ एक मुहिम छेड़ी थी. जी बिजनेस की मुहिम के बाद RBI ने इस पर सख्ती दिखाते हुए मामले की समीक्षा के लिए एक समिति बनाई थी.
10:33 PM IST